अब रेप के हर मामलों में लड़का-लड़की दोनों का DNA टेस्ट अनिवार्य होगा। अब तक यह सिर्फ रिजर्व मामलों में ही किया जाता था।
दरअसल, कई मामलों में पुरानी दुश्मनी या किसी षड्यंत्र के तहत महिलाएं झूठे रेप के केस दर्ज करा देती हैं। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार रेप के मामलों में अब केवल पीड़ित व अन्य लोगों के बयानों के आधार पर कोई फैसला नहीं होगा। संबंधित पुलिस को रेप के हर मामले में DNA टेस्ट कराकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी।
ये है HC के 6 आदेश जिनके तहत होगी जांच
1. कोर्ट ने आदेश दिया कि धारा 376 के तहत दर्ज हर मामले में जांच होगी।
2. गर्भवती होने के दरमियान भी अगर पीड़ित की मृत्यु होती है तो भी DNA जांच कराई जाएगी।
3. अगर पीड़ित का गर्भपात कराया जाता है, तो उसके गर्भ में टिशु के नमुनों की DNA जांच कराई जाएगी।
4. रेप में गर्भवती होने के मामले में बच्चा पैदा होने की स्थिति में भी वल्दियत जांचने के लिए DNA टेस्ट कराया जाएगी।
5. अगर FSL (फारेंसिक साइंस लैब) में शुक्राणु मिलते हैं, तो नमूना DNA टेस्ट के लिए भेजा जाएगी।
6. MLC (मेडिको लीगल केस) के दौरान पीड़ित के गुप्तांग और कपड़ों के स्लाइड बनाकर FSL में भेजकर पता करें कि उसमें आरोपी के शुक्राणु हैं या नहीं।
दरअसल, कई मामलों में पुरानी दुश्मनी या किसी षड्यंत्र के तहत महिलाएं झूठे रेप के केस दर्ज करा देती हैं। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार रेप के मामलों में अब केवल पीड़ित व अन्य लोगों के बयानों के आधार पर कोई फैसला नहीं होगा। संबंधित पुलिस को रेप के हर मामले में DNA टेस्ट कराकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी।
ये है HC के 6 आदेश जिनके तहत होगी जांच
1. कोर्ट ने आदेश दिया कि धारा 376 के तहत दर्ज हर मामले में जांच होगी।
2. गर्भवती होने के दरमियान भी अगर पीड़ित की मृत्यु होती है तो भी DNA जांच कराई जाएगी।
3. अगर पीड़ित का गर्भपात कराया जाता है, तो उसके गर्भ में टिशु के नमुनों की DNA जांच कराई जाएगी।
4. रेप में गर्भवती होने के मामले में बच्चा पैदा होने की स्थिति में भी वल्दियत जांचने के लिए DNA टेस्ट कराया जाएगी।
5. अगर FSL (फारेंसिक साइंस लैब) में शुक्राणु मिलते हैं, तो नमूना DNA टेस्ट के लिए भेजा जाएगी।
6. MLC (मेडिको लीगल केस) के दौरान पीड़ित के गुप्तांग और कपड़ों के स्लाइड बनाकर FSL में भेजकर पता करें कि उसमें आरोपी के शुक्राणु हैं या नहीं।
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