Saturday, May 28, 2016

स्कूल में स्वीपर का काम करने वाली मां का बेटा 12th में लाया 92.8% मार्क्स

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स्कूल में स्वीपर का काम करने वाली मां का बेटा 12th में लाया 92.8% मार्क्स
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जीवनी का एक किस्सा आप सब ने बचपन में ज़रूर पढ़ा होगा कि अपने बचपन में वो नदी को तैर कर स्कूल जाया करते थे. उनकी ये कहानी कई लोगों के प्रेरणा का स्रोत थी, जिसका अनुसरण करके बहुत से लोग आत्मविश्वास के साथ मेहनत के रास्ते पर चल पड़े और अपनी मंजिल तक पहुंचे.
आज हम आपको एक ऐसे ही लड़के की कहानी बता रहे हैं, जो तमाम तानों और फब्ब्तियों के बावजूद अपने रास्ते से नहीं भटका और मंजिल पर पहुंच कर सभी के मुंह बंद कर दिए. हाल ही में आये 12 वीं के परिणामों में कई ऐसे बच्चों के बारे में पता चला, जिन्होंने संसाधनों के अभाव के बावजूद इन परीक्षाओं में आम बच्चों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया.
ऐसी ही कई कहानियों में से एक कहानी झारखंड की राजधानी रांची से भी है, जहां निखिल जॉय तिग्गा नाम के लड़के ने 92.8 फीसदी मार्क्स हासिल किये हैं. इन मार्क्स के लिए निखिल अपनी मां को अपनी प्रेरणा मानते हैं, जो एक प्राइवेट स्कूल में झाड़ू-पोछे का काम करती हैं. आक्सफोर्ड स्कूल में पढ़ने वाले निखिल की मां पास के ही सलोमी मिंज स्कूल में स्वीपर का काम करती हैं. रिजल्ट आने के बाद से ही निखिल के घर बधाई देने वालों का सिलसिला जारी है.
इससे पहले स्कूल में कई लड़के निखिल को झाड़ू वाली का बेटा कह कर चिढ़ाया करते थे. पर निखिल इन सब तानों को नज़रअंदाज़ करते हुए सिर्फ अपनी पढ़ाई में लगे रहे.
ऐसा कहा जा रहा है कि निखिल ने इस साल हुई IIT Mains की परीक्षा भी क्लियर कर ली है. सोशल मीडिया के ज़रिये निखिल इन दिनों खूब छाए हुए हैं. उनकी मां के साथ स्कूल की सीढ़ियों पर बैठे उनकी एक तस्वीर भी आज कल कई मीडिया प्लेटफार्म पर छाई हुई है.
निखिल की कहानी पढ़ कर हरिवंश राय बच्चन की एक पंक्ति फिर जहन में ताज़ा हो गई 'लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती'. निखिल की इस कामयाबी को हम दिल से सलाम करते हैं.

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