अंकित श्रीवास्तव नाम के एक शख्स ने फेसबुक पर पोस्ट लिखा है, जिसे हजारों लोग शेयर और लाइक कर चुके हैं. अपने पोस्ट में अंकित ने ये कहने की कोशिश की है कि कैसे टीना डाबी को दलित वर्ग का होने का फायदा मिला और वह चूक गए. ऐसे आरोप के बाद जरूरी है कि अंकित और उनके जैसा सोचने वालों की गलतफहमी दूर कर दी जाए...
मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार अंकित ने यह पोस्ट 17 मई को लिखा, जिस दिन यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षार्थियों के नंबर सार्वजनिक किए. बता दें कि नतीजों के मुताबिक दि्ल्ली की 22 वर्षीय टीना डाबी टॉपर रही हैं. बहरहाल, अंकित ने जो पोस्ट किया है, उसे 17000 से ज्यादा बार शेयर और 25000 से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं.
अंकित की तरह अक्षय मिश्रा नाम के एक शख्स की मार्कशीट की कॉपी भी एक वेबसाइट पर मिली. उनकी भी शिकायत है कि 254 अंकों के बावजूद वे प्रीलिम्स से आगे नहीं जा सके. जबकि टीना के केवल 195.39 नंबर हैं.
अंकित के पेपर-1 में 103.34 नंबर हैं जबकि अक्षय के 100. टीना के पेपर-1 में 96.66 नंबर है. विवाद तो इसी पर है न कि दोनों के ज्यादा नंबर होने के बावजूद टीना आगे कैसे बढ़ गई. तो जनाब हर रेस की एक फिनिशिंग लाइन होती है. उसे तो पार करना पड़ेगा. यही किसी भी रेस की शर्त होती है और रेस शुरू होने से पहले यह हर एथलीट को पता होता है. टीना के लिए जो लाइन निर्धारित थी, उसे उसने पार किया. आप नहीं कर सके. इसमें गलती टीना की नहीं है. अंकित और अक्षय को क्वालीफाई करने के लिए पेपर-1 में कम से कम 107 नंबर लाने थे. जबकि टीना के लिए 94 अंक जरूरी थे, वो उन्होंने हासिल किया.
फिर भी नंबरों से इतनी परेशानी है तो टीना के पूरे अंक देख लीजिए. उन्होंने कुल 2025 में 1063 अंक हासिल किए मतलब 52.49 प्रतिशत. अंकित, अक्षय और उनकी तरह सोचने वाले वे तमाम लोग ये क्यों भूल जाते हैं कि टीना ने टॉप किया है. मतलब उसने उन सब लोगों को पछाड़ा है जो प्रीलिम्स में उससे ज्यादा नंबर ले आए होंगे. वैसे भी सिविल सर्विसेस में मेरिट मेंस और इंटरव्यू के आधार पर ही तय होता है. प्रीलिम्स तो केवल क्वालिफिकेशन का आधार होता है.
जनरल वर्ग के लिए इस बार कट ऑफ लिस्ट 43.3 प्रतिशत जबकि एससी (SC) के लिए 40 फीसदी था. वहीं एसटी (ST) के लिए ये 39.55 जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 41.67 फीसदी था. मतलब एड़ियां दोनों को घिसनी है.
इसलिए बेहतर है कि अपनी कमजोरी और असफलता को हम आरक्षण की चादर न ओढ़ा दे. टीना ने जो किया वो तारीफ के काबिल है. इस पर तो कोई सवाल उठना ही नहीं चाहिए. उनकी लगन और मेहनत निश्चित तौर पर बहुत ऊंचे दर्जे की रही होगी. अच्छा होगा कि उससे प्रेरणा हासिल की जाए. हो सकता है कि अंकित भविष्य में सिविल सेवा में अपना योगदान दे. इस लिहाज से तो उन्हें और उनके जैसे हजारों लोगों को ऐसी सोच को तो जगह भी नहीं देनी चाहिए. ये सोच बहुत घातक है. आखिर में...अंकित आपको दिल से शुभकामानाएं इस साल के लिए...
मीडिया में आई कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार अंकित ने यह पोस्ट 17 मई को लिखा, जिस दिन यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षार्थियों के नंबर सार्वजनिक किए. बता दें कि नतीजों के मुताबिक दि्ल्ली की 22 वर्षीय टीना डाबी टॉपर रही हैं. बहरहाल, अंकित ने जो पोस्ट किया है, उसे 17000 से ज्यादा बार शेयर और 25000 से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं.
अंकित की तरह अक्षय मिश्रा नाम के एक शख्स की मार्कशीट की कॉपी भी एक वेबसाइट पर मिली. उनकी भी शिकायत है कि 254 अंकों के बावजूद वे प्रीलिम्स से आगे नहीं जा सके. जबकि टीना के केवल 195.39 नंबर हैं.
अंकित के पेपर-1 में 103.34 नंबर हैं जबकि अक्षय के 100. टीना के पेपर-1 में 96.66 नंबर है. विवाद तो इसी पर है न कि दोनों के ज्यादा नंबर होने के बावजूद टीना आगे कैसे बढ़ गई. तो जनाब हर रेस की एक फिनिशिंग लाइन होती है. उसे तो पार करना पड़ेगा. यही किसी भी रेस की शर्त होती है और रेस शुरू होने से पहले यह हर एथलीट को पता होता है. टीना के लिए जो लाइन निर्धारित थी, उसे उसने पार किया. आप नहीं कर सके. इसमें गलती टीना की नहीं है. अंकित और अक्षय को क्वालीफाई करने के लिए पेपर-1 में कम से कम 107 नंबर लाने थे. जबकि टीना के लिए 94 अंक जरूरी थे, वो उन्होंने हासिल किया.
फिर भी नंबरों से इतनी परेशानी है तो टीना के पूरे अंक देख लीजिए. उन्होंने कुल 2025 में 1063 अंक हासिल किए मतलब 52.49 प्रतिशत. अंकित, अक्षय और उनकी तरह सोचने वाले वे तमाम लोग ये क्यों भूल जाते हैं कि टीना ने टॉप किया है. मतलब उसने उन सब लोगों को पछाड़ा है जो प्रीलिम्स में उससे ज्यादा नंबर ले आए होंगे. वैसे भी सिविल सर्विसेस में मेरिट मेंस और इंटरव्यू के आधार पर ही तय होता है. प्रीलिम्स तो केवल क्वालिफिकेशन का आधार होता है.
जनरल वर्ग के लिए इस बार कट ऑफ लिस्ट 43.3 प्रतिशत जबकि एससी (SC) के लिए 40 फीसदी था. वहीं एसटी (ST) के लिए ये 39.55 जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 41.67 फीसदी था. मतलब एड़ियां दोनों को घिसनी है.
इसलिए बेहतर है कि अपनी कमजोरी और असफलता को हम आरक्षण की चादर न ओढ़ा दे. टीना ने जो किया वो तारीफ के काबिल है. इस पर तो कोई सवाल उठना ही नहीं चाहिए. उनकी लगन और मेहनत निश्चित तौर पर बहुत ऊंचे दर्जे की रही होगी. अच्छा होगा कि उससे प्रेरणा हासिल की जाए. हो सकता है कि अंकित भविष्य में सिविल सेवा में अपना योगदान दे. इस लिहाज से तो उन्हें और उनके जैसे हजारों लोगों को ऐसी सोच को तो जगह भी नहीं देनी चाहिए. ये सोच बहुत घातक है. आखिर में...अंकित आपको दिल से शुभकामानाएं इस साल के लिए...
Kya bakwass news di sharm aani chaiye aap logo ko ek taraf sab ko saman adhikar ki baat kahte ho dusri taraf aarakshan k name pe esa bhedbhav esi gayi gujri nitiya sirf hindustan me hi ho sakti h .are akl k andho jab uski teena ki parivarik sthiti bahut achi h to ye jati ke name pe chutiyapa kyo faila rhe bastards
ReplyDeleteBhai
Delete9068240308 pr call kr
M bta du ga achhi news
Tm logo n hi di thi reservation hmne li nhi thi
Puna pact pddo beta fr bt kriyo
Abe tohitni akal toh tum p bhi honi chahiye ki 100 wala jyada acha officer hoga ki 96 wala
ReplyDeleteTm jaiso n india ka nam duba rkha h
DeleteAmar ujala tumse aur ummid v kya kr sakte hai...bakwass news....salooo looser ko hero bana ke present karte ho bt everone knws who is the real hero...general walo ka kah kah kr lena band karo saloo.
ReplyDeleteIs matter pe safai dene walo ko to apne jawaab me hi sawaal khada kar gye...isme likha gya h ki...Ankit aur Akshay ko Qualify karne ke liye 107 num lane jarrori the aur Teeno ko sirf 94 Category ke hisaab se jo Teena ne kiya aur Ankit & Akshay nai kar paye...to mujhe ek baaat batayaiye jab ek hi exam h is teeno ka to paassing marks alag alag kyu h..janab.agar sab barabar hote to aaj Ankit Topper hota...ye nirdharit hi kyu kiya gya h..ki kuch logo passing marks 94 h aur kuch logo ka 107. what a nonsence. Maje ki baat ye h ke aadhe logo to ise bilkul accha batate h.. Shame on our Reservation system.
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ReplyDeletecomment delete karna bus jawab kon dega..
DeleteTum jeise logo se or ummid hi kya ki ja sakti h..kabhi socha h is sab ke chalte kitne baccho ka bhavisya andhkar me ja raha h kabhi socha h ki isse confdnt kitna girta h kabhi socha h ki itne mehanat karne ke bad jab hamare hath kuch ni hota to keisa lagta h... Ham gen. Me h to kya hamare sath eisa bhedbhao...... Just stupid news...
ReplyDeleteLol amar ujala india today ki trah news de rha h.. inke reporters ki quality cheap h.. 8000 ki salary me yhi mil paega
ReplyDeleteye sala sc ya st h tbi iski jali hui h bc
ReplyDeleteuska babu officr uski ma bi officr tb bc kitna fayda utha rhe h
ReplyDeleteuska babu officr uski ma bi officr tb bc kitna fayda utha rhe h
ReplyDeleteYr ab bahut hua ....We want general must have reservations because yha victims hum hai ...conditions aj general kae poor hai ...sc tho sab mje lae rhe hai
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