Saturday, May 21, 2016

CBSE Board Result - एक खत उन पेरेंट्स के नाम बच्चों की कम % आने पर शर्मिंदा है

Leave a Comment
सीबीएसई बोर्ड का रिजल्ट जारी हो चुका है. 12वीं बोर्ड के रिजल्ट को करियर के लिए माइल्स्टोन की तरह पेश किया जाता है. जिनके बच्चों के नंबर अच्छे आते हैं, वो घर-घर में मिठाइयां बांटते हैं, खुश होते हैं. जिनके बच्चे के मार्क्स कम आए हैं या फेल हो गए हैं वो यह मान लेते हैं कि उनका बच्चा जिंदगी में कुछ भी करने के काबिल नहीं है. उन्हें लगने लगता है कि उनकी और उनके बच्चे की जिंदगी बेकार है.
कई पेरेंट्स अपनी कमाई का मोटा हिस्सा बच्चों की पढ़ाई पर खर्च करते हैं और रिजल्ट जब उनके हिसाब से नहीं आता है तो उनका सारा गुस्सा अपने बच्चे पर फूटता है. बच्चा बेचारा इस माहौल में काफी बेबस नजर आता है. कोई दिन-रात रोकर अपनी गुबार निकालता है तो कोई गहरे डिप्रेशन में चला जाता है. और इसके चलते कुछ स्टूडेंट्स आत्महत्या करने जैसा कदम तक उठा लेते हैं.

पिछले साल जब गूगल के सीईओ सुंदर पिचई भारत आए और दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक बड़े कॉलेज एसआरसीसी गए थे तो उन्हें एक स्टूडेंट ने पूछा था कि 12वीं में उनके कितने पर्सेंट मार्क्स आए थे. इस पर पिचई का जवाब था कि इतने नहीं आए थे कि इस कॉलेज में दाखिला मिल पाता. अब इसी से इन नंबरों की अहमियत का अंदाजा लगाया जा सकता है.

नंबर के हिसाब से अपने बच्चों की प्रतिभा की जांच करना किसी भी एंगल से सही नहीं है. हो सकता है कि आपके बच्चे को कोई खास विषय पसंद नहीं आता हो, उसकी रुचि कहीं और हो. आप उसे इंजीनियर बनाना चाहते हैं, वहीं वह आर्टिस्ट बनना चाहता हो. हो सकता है कि आप आज तक उसे समझ ही नहीं पाए हों क्योंकि आपने तो उसके लिए एक ख्वाब तय कर दिया है, एक सीमा तय कर दी है कि वह बड़ा होकर इंजीनियर, डॉक्टर और वकील ही बनेगा.

लेकिन पेरेंट्स एक जगह बहुत बड़ी गलती कर जाते हैं. वो अपने बच्चों से यह पूछना भूल जाते हैं कि उन्हें किस चीज से खुशी मिलती है. उन्होंने अपने लिए क्या चुना है? बेशक पेरेंट्स का काम बच्चों को सही दिशा देना है लेकिन एक बार बच्चों कि दिशा भी तो समझें. शायद परिणाम कुछ बेहतर ही निकल आए.

अगर इस बोर्ड परीक्षा में आपके बच्चे के मार्क्स अच्छे आए हैं तो आपको बधाई. लेकिन अगर आपके बच्चे का रिजल्ट अच्छा नहीं आ पाया या वो फेल हो गया है तो प्लीज अपने बच्चे को डांटे नहीं और न ही किसी रिश्तेदार को उसका मनोबल कम करने दें. आप अपने बच्चे के साथ शांति से बैठें उसे बिल्कुल भी ऐसा न महसूस होने दें कि वह हार गया है और इससे आगे की जिंदगी उसके लिए किसी काम की नहीं है.

उसके साथ हर कदम पर रहें और उसे आगे बढ़ने का रास्ता दिखाएं. उसकी पसंद के बारे में पूछें, उसका हौसला बढ़ाएं. माना कि यह काम आपके लिए मुश्कि‍ल होगा लेकिन बच्चे की खुशी के आगे यह कुछ भी नहीं होगा. याद रखें सफलता सिर्फ अच्छे नंबर नहीं है, यह अपने चुने काम में आगे बढ़ने और हर दिन मुस्कुराने का नाम है...

0 comments:

Post a Comment