शौक अगर गाने का हो तो आप हर जगह ये शौक पूरा कर सकते हैं- घूमते-फिरते, सफर करते, सड़क चलते, शॉपिंग करते वगैरह वगैरह. लेकिन अगर शौक योग का हो, तो? जाहिर है, योग हर जगह तो नहीं किया जा सकता. लेकिन योग की एक दीवानी ऐसी है, जिसका मन जब योग करने का होता है तो वो ये नहीं देखती कि जगह क्या है...वो बस शुरू हो जाती है.
मेट्रो ट्रेन में पहली बार जब नताशा चढ़ीं, तो योग कैसे न करतीं, किसी के घर का ये गेट नताशा को अच्छा लगा और यहां भी शुरू हो गईं.
शॉपिंग करते करते भी किया नताशा ने योग
मेट्रो ट्रेन में पहली बार जब नताशा चढ़ीं, तो योग कैसे न करतीं, किसी के घर का ये गेट नताशा को अच्छा लगा और यहां भी शुरू हो गईं.
शॉपिंग करते करते भी किया नताशा ने योग
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